Tuesday, March 14, 2017

रेकी तकनीक से विभिन्नि रोगों का इलाज -

रेकी एक जापानी शब्द है, जिसका अर्थ होता है प्राण-शक्ति। रेकी एक उपचार पद्धति है जिसके द्वारा आदमी मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है। इस तकनीक के अनुसार प्रत्येक आदमी के अंदर एक प्राण चक्र होता है और पूरा जीवन इसी पर चलता है। जब कोई बच्चा जन्म लेता है तो उसके अंदर यह शक्ति बहुत होती है, लेकिन धीरे-धीरे इस शक्ति को ग्रहण करने की क्षमता कम हो जाती है। आदमी के नकारात्मक विचार द्वारा यह शक्ति कम होती है। रेकी तकनीक द्वारा शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। रेकी तकनीक द्वारा कई रोगों का इलाज आदमी अपने-आप कर सकता है। इस चिकित्सा पद्धति का विकास उन्नीसवीं शताब्दी में जापान में हुआ था। भारत में यह चिकित्सा पद्धति बीसवी सदी में आयी।
रेकी तकनीक द्वारा रोगों का उपचार
रेकी तकनी‍क किसी शिक्षक द्वारा जब किसी व्यक्ति को यह शिक्षा दी जाती है तब उसकी हथेलियों से स्वयं ही कॉस्मिक ऊर्जा का प्रवाह शुरू हो जाता है।
इस विधि में हाथ के स्पर्श द्वारा रोग का इलाज किया जाता है इसलिए इसे स्पर्श चिकित्सा पद्धति भी कहा जाता है।
इस तकनी‍क में उपचार के दौरान हथेलियों का दबाव देने की जरूरत नहीं होती है। शरीर में स्थिति विभिन्न चक्रों का संबंध  अलग-अलग अंगों से होता है।
रेकी तकनीक से उपचार करने वाला व्यक्ति जब इन पर अपनी हथेली से प्रेशर बनाता है तो अपने-आप कॉस्मिक ऊर्जा का प्रवाह शुरू हो जाता है और आदमी यह प्रवाह महसूस होता है।
रेकी तकनीक से उपचार में किसी एक स्थिति में हथेलियों को कम-से-कम तीन मिनट तक रखा जाता है और इसके बाद अगली स्थिति पर हथेलियों को लाया जाता है।
रेकी तकनीक का प्रयोग किसी साफ और हवादार कमरे में करना चाहिए। रोगी को ढीले कपडे पहनने चाहिए जिससे स्थिति आरामदायक हो।
रेकी तकनीक से आमतौर पर तीन दिन तक उपचार किया जाना उपयुक्त है। लेकिन रोग पुराना हो तो विशेष परिस्थितियों 21 दिन या इससे भी अधिक दिनों तक उपचार किया जा सकता है।
सिरदर्द और माइग्रेन -
सिर के दोनों ओर स्थित च्रक, माथे के आगे और पीछे के चक्र पर हथेलियों के दबाव से रेकी तकनीक द्वारा सिरदर्द और माइग्रेन का उपचार किया जाता है। इसके अलावा नाभि के ऊपर स्थित मणिपुर चक्र और जंघों के दोनों ओर ऊपर की तरफ मूलाधार चक्र पर कॉस्मिक ऊर्जा प्रवाहित करने से भी आराम मिलता है।

आंखों का दर्द – 
आंखों में दर्द होने पर या चश्मे से छुटकारा पाने के लिए आंखों को बंद करके पलकों के ऊपर हथेलियों को रखकर रेकी का उपचार कीजिए। इसके साथ ही पेट और दोनो तलवों के बीचों-बीच स्थित चक्र पर कॉस्मिक ऊर्जा को प्रवाहित करें।

साईनस या नाक में दर्द – 
नाक में दर्द होने पर या साइनस की स्थिति में जिस स्थान पर दर्द हो वहां के चक्र पर रेकी की तकनीक से उपचार करने पर आराम मिलता है।
एलर्जी – 
एलर्जी होने पर एक हाथ मणिपुर चक्र और दूसरा हाथ मूलाघार चक्र पर रखकर रेकी तकनीक से उपचार करें।

पथरी या स्टोन होने पर – 
पथरी होने पर जिस स्थान पर दर्द हो रहा हो वहां पर हथेलियों द्वारा कॉस्मिक ऊर्जा प्रवाह करें। इसके साथ ही मणिपुर चक्र, स्वाधीस्थान चक्र और मूलाघार चक्र पर रेकी तकनीक से उपचार कीजिए।
केवल प्रशिक्षित लोगों से ही रेकी की तकनीक से इलाज कराने पर लाभ मिलता है। अगर आपको रेकी की तकनीक के बारे में जानकारी है तो आप खुद से इलाज कर सकते हैं।

अपनी छिपी हुई शक्ति को पहचानिये रेकी से

18 वर्ष की उम्र में ही एक जानेमाने अध्यात्मिक हीलिंग और ट्रेनिंग सेंटर की मैनेजिंग डायरेक्टर का पद प्राप्त करना निकिता माटा के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी, 2007 से रेकी शक्ति को जन साधारण तक पहुचना निकिता के लिए चुनौती थी जिसने उसे न सिर्फ बखूभी निभाया बल्कि इसी वर्ष अपनी एम् बी ए की पढाई पूरी करने के साथ साथ अपना खुद का ट्रेनिंग सेंटर भी शुरू कर दिया। आज वो जिस मुकाम पर है वो प्रत्येक व्यक्ति के लिय प्रेरणा का स्त्रोत है।
जानते है इनकी बाते इन्ही की जुबानी
रेकी क्या है ?
मनुष्य हमेशा से सुख,शांति,समृधि व आनन्द की अभिलाषा करता है, जीवन में इन्ही को पाने का सच्चा सरल व सात्विक मार्ग रेकी हमे दिखाती है, रेकी ब्रहाण्ड की ऐसी शक्ति है जो हर इन्सान में छिपी होती है, और वो खुद इनसे अनभिज्ञ होता है। रेकी की हमारी कार्यशाला में इसी शक्ति को जाग्रत किया है।
इस क्षेत्र में आप कब और कैसे आईं ?
2006 में एक सडक दुर्घटना में मुझे सर पर चोट लगी। उस समय मेरी रेकी मास्टर डॉ रेखा सोनी ने मुझे रेकी की। उनके हाथ रखते ही मेरा दर्द गायब हो गया। तब ऐसा लगा रेकी शक्ति एक जादू है,रेकी कुछ भी क्र सकती है, इसके अच्छे अनुभव के बाद रेकी सिखने की इच्छा जाग्रत हुई।
समाज में इसका क्या योगदान है?
समाज कई परिवारों से मिलकर बनता है और परिवारों के व्यक्तियों से। रेकी के जरिये व्यक्ति अपनी नकारात्मक सोच और भावनाओ से मुक्त होता है। इसी तरह एक व्यक्ति से परिवार व समाज सकारात्मक से प्रगतिशील होते है, इस तरह से रेकी का समाज में बड़ा महत्वपूर्ण योगदान है।
आपकी सेवाए क्या-क्या हैं? हमारी रेकी स्पर्श चिकित्सा, रेकी दुरुस्थ उपचार चिकित्सा, मेग्नीफाईड़ हीलिंग, क्रिस्टल हीलिंग, टेरोट रीडिंग, नाड़ीशास्त्र, अंकशास्त्र,भावनाए मुक्ति तकनीक, अपनी छिपी शक्तियों को पहचानना, तनाव और क्रोध कार्पोरेट रेकी(स्कूल, कालेज, हास्पिटल, कम्पनी और सामाजिक संस्थाओ के लिए है)
आपकी भावी योजनायें क्या है?
बीमारी का मूल कर्ण हमारी शारीरिक नही बंकि मानसिक परेशानी होती है। हमारी नकारात्मक सोच एक बीमारी बन जाती है। में भविष्य में हर इन्सान को नकारात्मक सोच से मुक्त करवाना चाहती हु, जेसा की मेरे सेंटर का नाम है आरोग्य मतलब रोग खी भी नही न शारीरिक न मानसिक एक और उद्देश्य है, जैसे कार्पोरेट में भी लोग परेशानियों से घिरे रहते है, तो उनको भी मोटिवेशनल ट्रेनिग दू,जिससे की वह हमारा अभिन्न अंग बन जाए।
आप दुनिया को क्या संदेश देना चाहेंगी?
सब भाग रहे है, कोई पैसो के पीछे, कोई रिश्तो के पीछे, कोई करियर के पीछे, इस भागदौड़  में हम क्या है,यह सब भूल गए है सबसे यही कहना चाहुगी इस भाग दोड़ भरी जिन्दगी में वो है अपने अंदर छिपी शक्ति उसे पहचानो फिर आगे बढो।जिसे हम ढूंढ़ रहे है वह हमारे अंदर ही है।उसे जाग्रत करो।
आप अपनी सफलता का श्रेय किसे देंगी?
अपनी सफलता का श्रेय में अपनी माता व बहन को दूंगी। उन्होंने मुझे हमेशा आगे बढने के लिए प्रेरित किया व आर्थिक व मानसिक रूप से हमेशा सहायता की है।

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