Tuesday, March 14, 2017

रेकी - एक आध्यात्मिक ईश्वरीय ऊर्जा शक्ति

रेकी अर्थात ऊर्जा - आध्यात्मिक ईश्वरीय स्पर्श चिकित्सा पद्धति जो व्यक्ति के सभी शुभ विचारों को साकार करके चमत्कारिक ढंग से मन को आश्चर्य तथा आनंद से सराबोर कर देती है. परमात्मा की प्रार्थना में बहुत शक्ति है. इसी शक्ति को जापान में रेकी नाम से संबोधित किया जाता है. वर्तमान समय में मनुष्य चौबीसों घंटे तनाव में गुजारता है. तनाव को दूर करने की सबसे सरल विधियों में रेकी का स्थान सर्वोपरि माना गया है. सामान्य रूप से रेकी एक ऐसी स्पर्श चिकित्सा है जिसमें शारीरिक अंगों को छूकर अथवा बगैर छुए विभिन्न रोगों का उपचार सफलतापूर्वक होता है. चिकित्सा की इस विधा में औषधि के रूप में ब्रह्माण्ड में व्याप्त संजीवनी प्राण ऊर्जा का उपयोग किया जाता है, उपचार की प्रक्रिया में ऊर्जा का प्रवाह रेकी मास्टर के हाथों में होकर रोगी के शरीर में (रोगी की ऊर्जा ग्रहण क्षमता के अनुसार) पहुँचता है एवं कुछ ही समय पश्चात् रोगी व्यक्ति पहले तो स्वस्थ और संयमितता का अनुभव करता है और अंत में उसे आनंद की सुखद अनुभूति होने लगती है. रेकी का असली उदगम स्थल भारत है. यहाँ से यह तिब्बत और चीन होती हुई जापान तक पहुँची है. जापान में इसे पुनः खोजने का काम जापान के संत डॉक्टर मिकाओ उसुई ने अपने जीवनकाल 1869-1926 में किया था.
विश्व के सभी देशों में आज भी मान्यता है कि साधु-संतों के आशीर्वचन, उनका सान्निध्य तथा आशीष पाकर मनुष्य को बीमारियों से मुक्ति सहज ही मिल जाती है. डॉक्टर मिकाओ उसुई को भी पूरा विश्व इसीलिए जानता है कि उन्होंने बिना दवा-गोली इंजेक्शन के मात्र स्पर्श एवं संकल्प शक्ति से जटिलतम रोगों का निदान करने के लिए रेकी स्पर्श चिकित्सा से दुनिया को परिचित कराया, हमारे देश में 1980 से रेकी चिकित्सा जारी है. हालांकि इसे शासकीय मान्यता प्राप्त नहीं है फिर भी देश के शहरों एवं महानगरों में इसका अत्यधिक प्रचार-प्रसार है. रेकी सीखने के लिए कुछ योग्यताएं आवश्यक हैं -
  1. व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ हो एवं उसका जीवन प्रेम और सद्भावना से भरा हो.
  2. व्यक्ति के मन में यह विश्वास होना चाहिए कि किसी भी रोग अथवा समस्या के समाधान हेतु मानव के पास ईश्वरीय शक्ति सदैव मौजूद होती है.
  3. रेकी सीखने वालों के विचारों में इमानदारी, सकारात्मकता एवं स्पष्टवादिता होना चाहिए. यह विद्या दुष्ट एवं चालाकों के लिए नहीं है.
रेकी उपचारक उपचार करने के पूर्व डॉक्टर उसुई पर ध्यान लगाकर अपने मन में सच्चे दिल से नीचे लिखी अतिरिक्त प्रार्थना करें तो उसके शरीर एवं हाथों में एक विशिष्ट आध्यात्मिक शक्ति आ जाती है. एवं रोगों को दूर करने में सहायता करती है.
"प्रभु मेरा मार्ग दर्शन करें एवं मुझे उपचारक शक्ति प्रदान करें ताकि मैं दीन दुखियों के काम आ सकूं. मैं सबके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूँ. मुझे शक्ति एवं आशीर्वाद दो. मेरा लक्ष्य मानव मात्र की सेवा करना है एवं मैं यह कार्य तभी कर पाऊंगा जब आप मुझे अपना कृपा का अंग मात्र भी प्रदान करेंगे, मैं आपको वचन देता हूँ कि आपके द्वारा दी गई शक्ति का उपयोग कभी भी अपने स्वार्थ हेतु नहीं करूंगा एवं इसका दुरूपयोग नहीं होने दूंगा."
रेकी का प्रशिक्षण रेकी के मास्टर एवं ग्राण्ड मास्टर विभिन्न चरणों में देते हैं - प्रत्येक चरण के प्रशिक्षण में लगभग आठ घण्टे का समय लगता है. ये चरण हैं -
1) फ़र्स्ट डिग्री 2) सेकण्ड डिग्री 3) थर्ड डिग्री 4) करूणा रेकी 5) मास्टर डिग्री
वैसे देखा जाए तो रेकी का वास्तविक लाभ उन्हें ही सर्वाधिक मिलता है जो सकारात्मक विचारों के साथ पूरी आस्था एवं विश्वास पूर्वक रेकी को ग्रहण करते हैं. रेकी पद्धति में रोग के निदान हेतु दवाओं की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती अर्थात् रेकी स्पर्श चिकित्सा एक सहज सरल और बिना पैसों का इलाज है. रेकी को अपनाकर अपनी और दूसरों की सामान्य तथा जटिल बीमारियों का इलाज व्यक्ति स्वयं भी कर सकता है. यदि रेकी मास्टर की आध्यात्मिक शक्ति में बल है एवं उसके उपचार का ढंग लोगों को पसंद है तो रोगी निश्चित रूप से शीघ्रातिशीघ्र निरोग हो जाता है.

संक्षेप में, रेकी आध्यात्मिक स्पर्श चिकित्सा अपने मूल रूप में एक ध्यान विधि है जो रोगी तथा उपचारक का संबंध सीधे परमात्मा से जोड़ती है.
क्या आप के लिए देख रेकी उपचार के लिए आपको एक रेकी  मास्टर बनने में सहायता पाठ्यक्रमों मैं क्या आप अनुभव और प्रमाणीकरण प्राप्त करने में अलग अलग तरीकों के लिए सब से अधिक देखा है, लेकिन सबसे अच्छी तरह से समझ नहीं कर सकते बाहर इस अनुच्छेद में मैं तुम्हें समझाने की क्या यह एक महान रेकी मास्टर आप का सबसे अच्छा करने में मदद करेगा चिकित्सा की इस कला में एक समर्थक बन कार्यक्रम दिखाने के रूप में अच्छी तरह से बन जाता होगा.मैं सब से अधिक खोज की है के लिए एक निश्चित है कि मुझे ऊर्जा चिकित्सा  की कला सीखने के लिए मदद करने में . वहाँ बहुत सारे अलग पाठ्यक्रम, किताबें, वीडियो , और वहाँ बाहर विभिन्न सामग्री है रेकी एक 'जल्दी' विषय है कि आप कुछ घंटों में सीख सकते हैं नहीं है. यह एक शांत मन की आवश्यकता है.

रेकी तीन चरणों रेकी के अलग अलग संस्थाओं का इन सिद्धांतों पर अलग अलग मत हो सकता है लेकिन हर संगठन लगभग  ऐसे हीं विचारों के में सीखा जाता है लेकिन कई प्रशिक्षण संस्थाएं चार या उससे ज्यादा चरणों में इसे सिखलातें हैं। अगर कोई व्यक्ति रेकी सीखना चाहता है तो निम्न तीन चरणों में किसी प्रशिक्षक द्वारा इसे सीखा जाता है। इसे सीखने के बाद छात्र कुछ महीनों तक इसका अभ्यास  करता है।  

रेकी का पहला डिग्री : 

शुरुआत में, रेकी सीखने के प्रशिक्षण के दौरान पहला पूरा दिन लग सकता है या दो आधे-आधे दिन लग सकते हैं।  शुरुआत में प्रशिक्षक छात्रों को रेकी का इतिहास बताता है तथा एकाध बार हाथों से अभ्यास करवाकर दिखलाता है। शरीर के भिन्न-भिन्न हिस्सों पर हाथ रखने से क्या-क्या परिणाम हो सकते हैं, इस बारे में भी बताया जाता है। पहली दीक्षा के बाद छात्र आत्म-चिकित्सा का अभ्यास कर सकने के अलावा हाथों से दूसरों का भी उपचार शुरू कर सकते हैं

रेकी का दूसरा डिग्री : 

जो रेकी का पहला डिग्री पूरा कर लेते हैं और दूसरा डिग्री लेने की इच्छा जताते हैं उन्हें उनका प्रशिक्षक पुनः कुछ बातें सिखलाने लगता है। छात्र दूर से भी किसी रोगी का उपचार कर सकें इसके लिए उन्हें कुछ खास प्रतीकों एवं चिन्हों के बारे में जानकारी दी जाती है। दूसरे डिग्री का प्रशिक्षण लेने के बाद छात्र प्रतीकों एवं चिन्हों के माध्यम से दूर से भी किसी के रोग का निदान करने में सक्षम हो जाते हैं। रेकी से वर्तमान दुःख तो दूर किये हीं जाते हैं, पुराने दुःख-तकलीफ भी इससे कम या पूरी तरह से ख़त्म किये जाते हैं। इससे भविष्य में होने वाले दुखों से भी बचाव किया जाता है।


रेकी का तीसरा डिग्री: 

इस स्थिति में छात्र रेकी में महारत हासिल कर लेता है और इस काबिल हो जाता है की दूसरों को रेकी सिखला सके। जब छात्र रेकी के दो डिग्री में सफलता पा चूका होता है और कुशलतापूर्वक रोगियों का उपचार करने लगता है तब उसे रेकी का तीसरा डिग्री सिखलाया जाता है जहाँ क्रिस्टल ग्रिड बनाना सिखलाया जाता है। क्रिस्टल ग्रिड की मदद से इस चिकित्सा को और ज्यादा शक्तिशाली बनाया जाता है एवं रोगी को और अधिक उर्जा दी जाती है। तीसरे डिग्री की रेकी चिकित्सा से दूर से इलाज में एवं निर्जीव चीजों के उपचार में भी  काफी फायदेमंद होता है।  रेकी चिकित्सा का लाभ मनुष्य एवं अन्य जीवित प्राणियों (जैसे जानवर) के अलावा, पेड़-पौधे एवं निर्जीव वस्तुओं  जैसे पृथ्वी इत्यादि को भी मिलता है। इनके अलावा यह रिश्तों में आई दूरी या दरार को भी कम करता है या पूरी तरह से मिटाता है।अगर कोई छात्र  मास्टर के स्तर तक रेकी सीखना चाहता है तो उसे विशेष प्रशिक्षण द्वारा एवं कुछ खास चिनों की पढाई करवाकर  इस विद्या में पारंगत किया जाता है

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